[ad_1]
अर्पित बड़कुल/दमोह: जलाशय, नदी-नाले और तालाब के किनारे पाए जाने वाला एक जंगली पौधा औषधि की खान है. इस पौधे का नाम बेशर्म है और यह हर जगह आसानी से उग आता है. आयुर्वेद में इस पौधे के फूल, पत्तों और दूध को बड़ा महत्वपूर्ण माना गया है. यह पौधा नाम से जितना लोकप्रिय है, उतना ही काम का भी है. फोड़े-फुंसी या अन्य त्वचा रोगों के लिए इस पौधे की पत्तियां रामबाण दवा है.
पत्तों के लेप से दूर होगी सूजन
इस औषधीय पौधे के फूल का रंग गुलाबी होता है, जिसके कारण इसे गुलाबबसी भी कहा जाता है. पौधे के जहरीले होने के कारण पशु इसे नहीं खाते. वहीं, आयुर्वेद चिकित्सा डॉ. अनुराग अहिरवार ने Local 18 को बताया कि बेशर्म का पौधा आयुर्वेद में बड़ा महत्व रखता है. इसके पत्तों को पीसकर सूजन वाली जगह पर लगाने से महज 3 से 4 दिन में सूजन कम हो जाती है. यह यूं कहें कि गायब हो जाती है. कई वैद्य बिच्छू के काटने पर इसके दूध को लगाते हैं, जिससे बिच्छू का जहर शरीर में फैल नहीं पाता.
घाव को भरने में मददगार
डॉ. अनुराग अहिरवार ने Local 18 को बताया कि बेशर्म के पौधे में एंटीबैक्टीरियल, एंटीमाइक्रोबियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, इसलिए इस पौधे का इस्तेमाल घाव भरने में अधिक किया जाता है. इसकी हरी पत्तियों पर गरम तेल के साथ चोट या घाव पर लगाने से घाव कुछ ही दिनों में भर जाता है. पुराने घाव को भरने में यह काफी कारगर दवा है.
.
Tags: Damoh News, Health News, Local18
FIRST PUBLISHED : March 6, 2024, 18:17 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.
[ad_2]
Source link
high on neurontin
escitalopram oxalate 10mg tab
escitalopram side effects long term
cost of neurontin without insurance
escitalopram 10 mg used for
neurontin dosing