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निखिल त्यागी/सहारनपुर: सहारनपुर के प्रकृति कुंज प्रांगण में विभिन्न प्रजातियों के पेड़-पौधे हैं. प्रकृति कुंज हर्बल वाटिका में काफी संख्या में फल, फूल व औषधि के पौधे तैयार किये गए हैं.  वाटिका में असंख्य गुणों वाला रसभरी प्रजाति का पौधा भी लगा हुआ है. जो त्वचा, पेट व कोलेस्ट्रॉल आदि रोगों के लिए बहुत अच्छी उपयोगी औषधि है.

सहारनपुर के दिल्ली रोड स्थित प्रकृति कुंज हर्बल वाटिका के अध्यक्ष आचार्य राजेंद्र अटल ने बताया कि वैसे तो वाटिका में विभिन्न औषधीय पौधे लगे हुए हैं. वाटिका में रसभरी प्रजाति के फल का पौधा भी लगाया गया है. रसभरी फल में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है. राजेंद्र अटल ने बताया कि रसभरी फल का पौधा वैसे तो आमतौर पर फरवरी माह में फल देता है. लेकिन हमारी प्रकृति कुंज वाटिका में लगा हुआ यह पेड़ नवंबर से ही फल देना शुरू कर देता है. उन्होंने बताया कि सेहत के लिए बेहद गुणकारी प्रजाति का यह रसभरी फल वाला पौधा दक्षिण भारत में अधिकतर पाया जाता है. उत्तर भारत में इस पौधे की संख्या अभी बहुत कम है. उन्होंने बताया कि प्रकृति कुंज वाटिका में रसभरी फल के कई पौधे लगाए गए हैं.

कई रोगों में बहुत उपयोगी है रसभरी फल

प्रकृति कुंज के अध्यक्ष राजेंद्र अटल ने बताया कि रसभरी फल मनुष्य के शरीर में आने वाली कई बीमारियों के लिए बहुत उपयोगी साबित हुआ है. उन्होंने बताया कि पेट से संबंधित रोग, त्वचा से संबंधित रोग, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर आदि रोगों में यह बेहद गुणकारी औषधि है. इसके सेवन से इन रोगों में अपेक्षा के अनुरूप अधिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है. राजेंद्र अटल ने बताया कि इसके अलावा रसभरी फल का सेवन करने से युवा शक्ति भी शरीर में बनी रहती है. उन्होंने बताया कि अधिक आयु वाले व्यक्ति यदि इस फल का सेवन करें, तो उनके शरीर में युवा शक्ति का संचार होगा और उनकी गतिविधि अपेक्षा से अधिक नजर आएगी. राजेंद्र अटल ने आमजन का आह्वान करते हुए कहा कि वह अपने घर व बगीचों में रसभरी फल का पौधा अवश्य लगाएं, जो स्वादिष्ट फल देने के साथ ही एक औषधि भी है.

Tags: Health benefit, Hindi news, Local18

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